झारखंड में सावधान कुमारधुबी क्षेत्रों में फ़ैल रहा है 500 रुपए के जाली नोटों का कारोबार
सट्टेबाज़ों का गढ़ कहे जाने वाला कुमारधुबी क्षेत्र अब जाली नोटों के कारोबार में बुन रहा है. सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण कुमारधुबी में जाली नोटों का कारोबार धरल्ले किया किया जा रहा है. विशेष सूत्रों के अनुसार कुमारधुबी क्षेत्र के कुछ युवा अपनी जरूरत के शौक को पूरा करने के लिए जाली नोटों का कारोबार शुरू किया है. जिसमे कुमारधुबी क्षेत्र के कुछ युवाओ की एक टीम है जो पश्चिम बंगाल के नियामतपुर से 500 रुपये का लाखों जाली नोट लाकर कुमारधुबी के बाजारों में खपाने का काम कर रहे है और नए 500 रुपये नोट होने के कारण लोग असली और नकली नोट का पहचान नही कर पा रहे है और बड़ी आसानी से जाली नोटों का कारोबार को पसारा जा रहा हैं.
कुमारधुबी शहर वर्षो से काले धंधों से मशहूर है. वर्षो पहले कुमारधुबी क्षेत्र के कुमारधुबी बाज़ार में अवैध कारोबार का खेल गेसिंग सट्टा कलमों की धार से कागजों पर अवैध तरीके से खेला जा रहा था.
इस खेल में कुछ आबाद हुए तो कुछ बर्बाद हुए. समय बदलता गया और लोगो की शौक बढ़ती गयी. इन्ही शौक को पूरा करने के लिए युवा आईपीएल खेल के सट्टेबाज़ी में अपना पैर पसार दिया और इस खेल में भी कुमारधुबी क्षेत्र में कुछ आबाद हुए तो कुछ बर्बाद और कुछ की गयी जान.
सटोरियो का तार सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण पश्चिम बंगाल से जुड़े रहने के कारण खेल को अंजाम देने में अपने मकाम तक पहुच जाते है और पुलिस हाथ मलते रह जाती है सट्टेबाजों तक पहुचने में. फिर कुमारधुबी साइबर अपराधियों का ठिकाना बनने लगा जिसका लीक देश के मशहूर साइबर शहर जामताड़ा से जुड़ा है और साइबर अपराध में गिरफ़्तार लोगों के संलिप्तता कुमारधुबी क्षेत्र के युवाओं से है. लेकिन पुलिस साइबर मास्टरमाइंड तक पहुचने में असफल रही है.
आज के दौर में अपनी जरूरी शौक़ को जल्द पूरा करने के लिए नए जमाने के नए युवा पैसे कमाने के लिए अवैध काले धंधों में अपना पैर पसार रहे है. लेकिन पुलिस इन काले लोगों तक नही पहुँच पा रही है. और इस काले धंधे में कितने युवा आबाद तो कितने बर्बाद होते जा रहे है।
एग्यारकुंड संवाददाता फैजान अहमद की रिपोर्ट