झारखंड के चिरकुंडा- बराकर पुल (झारखंड -पश्चिम बंगाल सीमा) होकर आने जाने के लिए नियमित पास की मांग।

झारखंड के चिरकुंडा- बराकर पुल (झारखंड -पश्चिम बंगाल सीमा) होकर आने जाने के लिए नियमित पास की मांग।
झारखंड के चिरकुंडा- बराकर पुल (झारखंड -पश्चिम बंगाल सीमा) होकर आने जाने के लिए नियमित पास की मांग।

चिरकुंडा चेंबर ऑफ कॉमर्स के द्वारा धनबाद उपायुक्त को एक पत्र दिया गया, जिसमें यह उल्लेख किया गया की चिरकुंडा, कुमारधुबी, मैथन क्षेत्र की सीमा पश्चिम बंगाल से सटी हुई है और दोनों ही क्षेत्र के लोगों का व्यवसाय और उद्योग तथा नौकरी के सिलसिले में एक दूसरे राज्य में प्रतिदिन आना जाना रहता है।

ऐसी अवस्था मे जब पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति में भी केंद्र और राज्य सरकार द्वारा छूट दी गई है, इस क्षेत्र में आपके आदेश के अभाव में व्यवसायियों और कर्मचारियों का आवागमन मुश्किल हो गया है।

झारखंड पश्चिम बंगाल की सीमा पर प्रतिनियुक्ति दंडाधिकारी का कहना है कि बिना उच्च अधिकारी के आदेश के वह किसी भी व्यक्ति को झारखंड सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं दे सकते, जिस कारण सीमा के आसपास का क्षेत्र का व्यवसाय बहुत ही प्रभावित हो रहा है।

चिरकुंडा चेंबर ऑफ कॉमर्स ने अनुरोध किया है कि वैसे व्यक्तियों और संस्थाओं जिनका व्यापार उद्योग दोनों में से किसी एक राज्य में हो, को भी ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड और विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों को जिस तरह से प्रतिदिन आवागमन की सुविधा दी गई है, वैसे ही व्यवस्था व्यवसाय, उद्योग और क्षेत्र में नौकरी करने वालों के लिए भी प्रदान की जाए।

आवश्यकता होने पर इस हेतु चेंबर क्षेत्र से प्रतिदिन आवागमन करने वालों की सूची प्रखंड प्रखंड विकास पदाधिकारी  11 कुंड को सभी के नाम और मोबाइल नंबर के साथ तथा किस स्थान से वह व्यक्ति जुड़ा है उपलब्ध करा देगा ताकि आवश्यकता होने पर तुरंत उस व्यक्ति से संपर्क किया जा सके।

चिरकुंडा चेंबर ऑफ कॉमर्स के यह आशा की है कि लिया गया सुझाव पर सहानुभूति पूर्वक विचार करके आलोक में आदेश निर्गत करेंगे।

इस बात की जानकारी चिरकुंडा चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा, सचिव राजेश कुमार गुप्ता ने दी।

चिरकुंडा से संवाददाता अशोक चौहान की रिपोर्ट

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