महाराष्ट्र के पालघर के विक्रमगढ़ के औदे गांव से छोटे सर्वसामान्य सांबरे घराने ने महंगाई के दौर में बहुत ही कम बजट में तीन-चार घंटे मे ही बनाया आकर्षक गणपती डेकोरेशन पंचक्रोशी में हो रही है वाहवाही
विक्रमगढ़। पूरे हिंदुस्तान में त्योहार का मौसम शुरू हो चुका है महाराष्ट्र में उसकी शुरुवात गणेशोत्सव से होती है। बडे धूमधाम और प्यार मोहब्बत के तरीके से इसको मनाया जाता है परंतु आज के बढ़ती हुई महंगाई के दौर में सुंदर, मनमोहक, आकर्षक डेकोरेशन(आरास) बनाना बहुत कठीन बनता जा रहा है। सामान्य लोगों के बजट के भार बढ़ता ही जा रहा है सजावट केले लगने वाले सामग्री, सामान बहुत ही महंगी बनती जा रही है। रोजमर्रा की लगने वाली खाने पीने वाली चीजे भी महंगी महंगी बनती जा रही है आम लोगो को त्योहार मनाना जेब के लिए बहुत भारी खर्चा दिखाई पडता है।
भयानक कोरोना काल के बाद त्योहार के माध्यम से लोगों में थोडी खुशी की लहर उठी है इसलिये बढ़ती महंगाई को मध्य नजर रखते हुए ऐसे ही एक सांबरे घराने ने घर की चीजो का इस्तमाल करते हुए बहुत ही कम से कम बजट में और कम से कम समय में बहुत ही आकर्षक मनमोहक गणपती डेकोरेशन बना कर गणपती की स्थापना की है। उन्होने अपने तेज दिमाग का इस्तेमाल करते हुए घर में से चाय के कप का उपयोग करते हुए बस तीन-चार घंटों में ही एक मनमोहक सुंदर डेकोरेशन बनाया इसको देखने परखने के लिए जिजाऊ संघटने की पालघर जिला महिला अध्यक्षा हेमांगी ताई पाटील, माजी सभापती श्री. मधुकर जी खुताडे, विक्रमगढ़ पंचायत समिति गट विकास अधिकारी श्री हनुमंतराव दोडके, पंचायत समिती कृषी अधिकारी श्री शांताराम ठाकरे, विक्रमगड पोलीस स्टेशन के पोलीस निरीक्षक श्री प्रदीप गीते, उपनिरीक्षक श्री सतीश जगताप इन मान्यवरों ने जाकर देखकर घर वालो की बहुत ही प्रशंसा की है।
इन लोगो ने और एक अच्छी परंपरा आगे बढ़ाया है पहिले औरतो को ज्यादा मान सम्मान नहीं दिया जाता था लेकिन इन्होने इस प्रथा को बदल कर छोटी बच्ची को गणपती पूजन का मान सम्मान दिया है। दो टाइम के मान पूजा आरती इन छोटे-छोटे लड़कियों के हाथों से की जाती है इससे औरते और मर्द एक जैसे ही है ऐसा संदेश पूरे दुनिया को देने की कोशिश की है।
इस आरास को बनाने की कुल लागत =
चाय के गिलास 250₹, रंगरंगोटी -80₹, रंग बरंगे फुल -100₹, लाइटिंग -100₹, इतर खर्चा-50₹, कुल लागत =500-600₹।
इतने कम लागत मे तीन-चार घंटे मे ही तैयार। घरवालों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बढ़ती हुई महंगाई ने हमें सोचने पर मजबूर किया और हमने कम खर्च मे अच्छा और पर्यावरण पूरक चीज बनाने की प्रेरणा मिली हम आवाम से गुजारिश करते है की आप भी इसी तरह संस्कार हल्के से हल्का सुंदर पर्यावरण पूरक डेकोरेशन बनाये लोगों ने इनकी सराहना भी की है और आने वाले वक्त में ऐसे ही चीजों का पालन करेंगे पर्यावरण का संतुलन बचाने में मदद भी करेंगे!
पालघर ब्यूरों प्रणय पाटील की रिपोर्ट